प्रदेश के सबसे कम उम्र के आईजी गौरव राजपूत ने गुरुवार को रीवा रेंज के आईजी का पदभार ग्रहण कर लिया। इस दौरान संभाग के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक ने उनका स्वागत किया। पदभार ग्रहण करते ही रीवा आईजी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि थाने स्तर पर ही पीड़ित को नया मिलना चाहिए, अगर ऐसा नहीं होता तो थाना प्रभारी अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें और वो थाना प्रभारी नहीं रहेंगे।
मीडिया से बातचीत करते होते हुए रीवा रेंज के आईजी गौरव राजपूत ने कहा की उन्होंने दो प्राथमिकताएं और पांच लक्ष्य लेकर पुलिस महानिरीक्षक रीवा का पदभार ग्रहण किया है। प्राथमिकताओं में पहले नंबर पर अपराधों की रोकथाम और उनका बेहतर तरीके से अनुसंधान सहित, दूसरी प्राथमिकता लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति न सिर्फ माकूल बनाना बल्कि उसे सुदृढ़ बनाना रहेगी। इसी तरह पांच लक्ष्य में सबसे पहले महिला संबंधी अपराध और बच्चों के अपराधों में कमी लाना, दूसरा जोन में नशे की रोकथाम करना और सप्लायर की कमर तोड़ना। तीसरा पूरे जोन की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाना चौथा साइबर अपराधों में कमी लाने के लिए साइबर फॉरेंसिक एक्सपर्ट के माध्यम से नियंत्रित करना। और पाँचवी आदिवासी समुदाय को न्याय दिलाने के साथ साथ उन्हें समाज की मुख्य धारा में जोड़ना है। जोन के विभिन्न जिलों की समस्याओं को लेकर पूछे गए प्रश्न के जवाब में आईजी ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों की कुछ स्पेसिफिक समस्याएं हैं उनके लिए उसी तरह की पुलिसिंग तैयार कर समस्याओं का समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा की अगर थाना स्तर पर पीड़ितों को न्याय नहीं मिलता तो फिर थाना प्रभारी थाना प्रभारी नहीं रहेंगे।