मध्य प्रदेश के रीवा के बहुचर्चित ‘राज निवास (सर्किट हाउस) रेपकांड’ में अदालत ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है। विशेष न्यायालय ने मुख्य आरोपी महंत सीताराम उर्फ समर त्रिपाठी समेत 5 दोषियों को ‘अंतिम सांस तक’ जेल में रहने की कठोर सजा सुनाई है। साल 2022 में हुए इस जघन्य कांड ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया था। पुलिस ने इस मामले में कुल 9 आरोपी बनाए थे, जिनमें से 5 को दोषी करार दिया गया है, जबकि 4 अन्य को साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त कर दिया गया।
यह शर्मनाक घटना 28 मार्च 2022 की है। सतना जिले की रहने वाली एक नाबालिग छात्रा कॉलेज में दाखिले के लिए रीवा आई थी। यहां आरोपी विनोद पांडेय ने उसे मदद का झांसा दिया और साजिश के तहत उसे राज निवास (सर्किट हाउस) ले गया। सरकारी सर्किट हाउस के कमरे में शराब पार्टी हुई, जहां नाबालिग को भी जबरन शराब पिलाई गई। इसके बाद मुख्य आरोपी महंत सीताराम ने उसके साथ दुष्कृत्य किया।

इस हाई-प्रोफाइल मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो कोर्ट) पद्मा जाटव की अदालत में हुई। अभियोजन पक्ष ने मजबूती से अपना पक्ष रखते हुए 22 गवाहों को पेश किया।
विशेष लोक अभियोजक अजय कुमार सिंह के अनुसार: न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पॉक्सो एक्ट की धारा 5/6 और आईपीसी की धारा 376D (सामूहिक दुष्कर्म) के साथ-साथ धारा 120B (साजिश रचना) के तहत दोषियों को दंडित किया है।
सजा: शेष प्राकृतिक जीवन के लिए आजीवन कारावास (अंतिम सांस तक जेल)।
आर्थिक दंड: 50,000 रुपये का जुर्माना।
सजा पाने वाले दोषियों के नाम
महंत सीताराम उर्फ समर त्रिपाठी (मुख्य आरोपी)
विनोद पांडेय
धीरेंद्र मिश्रा
मोनू पयासी
अंशुल मिश्रा






