छिंदवाड़ा सहित मऊगंज जिले में फार्मासिस्ट द्वारा दी गई अमानक दवाई से बच्चों की मौत होने के बाद जिला प्रशासन ने आज ड्रग इंस्पेक्टर की मौजूदगी में जैसे ही दवा दुकानों की जांच शुरू की तो पूरे दवा बाजार में हड़कंप मच गया। लगभग आधा दर्जन दुकानों को स्थाई रूप से बंद करने के बाद जैसे ही जिला प्रशासन ने दवा बाजार की अन्य दुकानों की तरफ रुख किया तो तो आक्रोशित दवा व्यवसायियों ने लाम-बंद होकर अपनी अपनी दुकानों के शटर गिरा दिए, और स्वास्थ्य मंत्री मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे वहीं प्रशासन के अधिकारी दवा व्यवसाययों की बढ़ती नाराजगी को देख कार्रवाई को रोक कर मौके से रवाना हो गए।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर एसडीएम हुजूर डॉक्टर अनुराग तिवारी ने बताया कि छिंदवाड़ा और मऊगंज में फार्मासिस्ट द्वारा दी गई अमानक दवाइयों के चलते हुई बच्चों की मौत के बाद, स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि कोई भी दवा दुकान तब तक संचालित नहीं होगी जब तक उसमें फार्मासिस्ट मौजूद न रहे,
कई दवा दुकानों की जांच की गई है जिसमें लगभग 6 दुकान ऐसी पाई गई हैं। जिनका ड्रग लाइसेंस रिन्यू है और ना ही मौके पर फार्मासिस्ट मौजूद है ऐसी दुकानों को अस्थाई रूप से बंद किया गया है। जबकि दवा व्यवसायी संघ के पदाधिकारी ने कहा कि यह प्रशासन की तानाशाही है। फार्मासिस्ट भी इंसान है दवा व्यवसाय में 19-20 की कमी चलती है। प्रशासन को इतना भी असंवेदनशील नहीं होना चाहिए।






