रायपुर श्री श्री 1008 किशनपुरी गोस्वामी जी की 35वीं वर्सी महोत्सव के दूसरे दिन संत महात्माओं ने अपने अमृतवाणी से भक्तजनों को निहाल किया।
तीन दिवसीय वर्सी महोत्सव के अवसर पर दूसरे दिन कार्यक्रम की शुरुआत हिंगलाज माता दुर्गा माता एवं संत बाबा किशनपुरी गोस्वामी जी के फोटो पर पुष्प अर्पण कर अखंड ज्योत प्रजवलित करके की गई।
कार्यक्रम में अखिल भारतीय सिंधु संत समाज ट्रस्ट के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी हंसराज जी उदासी रीवा उन्होंने अपनी अमृतवाणी में फरमाया कि मेरे सतगुरु तेरी नौकरी सबसे बढ़िया है सबसे खड़ी कहने का तात्पर्य यह है कि हम दुकान में अपनी नौकरी दे या किसी के अन्य दुकान में नौकरी करें उसमें सिर्फ हमें चंद रुपए ही मिलते हैं पर अगर हम अपने सतगुरु की सेवा करेंगे दरबार की सेवा करेंगे सच्चे मन से करेंगे तो हमें कभी भी दुख तकलीफ परेशानी नहीं आएगी ना कभी धन दौलत की कमी होगी बस जरूरत है सच्चे मन से भाव से सेवा करने की और जिसने यह सेवा की है अपने गुरु की वह यह लोग के साथ-साथ परलोक भी उसका संवर गया है और भवसागर को पार कर गया है कहते हैं
वाहेगुरु नाम जहाज है जो चढ़े सो उतरे पार
एक वाक्य था माता सीता को रावण हरण करके लंका ले गया तब भगवान श्री रामचंद्र जी अपने भ्राता लक्ष्मण व हनुमान जी वानर सेना के साथ जंगल जंगल माता सीता का पता लगाने के लिए घूम रहे थे। पता चला की माता सीता लंका में है। रावण उसे हरण करके ले गया है तो रामचंद्र को बहुत क्रोध आया पर सात समुंदर पार करके उस पार जाना आसान नहीं था।
और वह भी इतनी लंबी वानर सेना लेकर पहुंचना तो इसके लिए समुद्र में सेतु बनाना था सेतु बनाने के लिए बड़े-बड़े पत्थर🗿 को पानी में डाल रहे थे। और वह पत्थर पानी में तैर रहे थे हनुमान जी राम लिख रहे थे पत्थरों में और नल ओर नील 💧पानी में पत्थर को फेंक रहे थे और पत्थर तैर रहे थे। क्योंकि उसमें भगवान का नाम लिखा था आप लोग सोचेंगे नाम लिखने से पत्थर पानी में तैरता है क्या नहीं ,वह भक्त के अंदर में भाव होना चाहिए और विश्वास होना चाहिए और सत्य और धर्म की राह पर चलना चाहिए या वह कार्य होना चाहिए तब वह पत्थर पानी में तैरता है।
और हनुमान जी जैसा भक्त इस सृष्टि में न कभी कोई हुआ है ना कभी होगा। उनके अंदर भाव था अपने प्रभु अपने गुरु अपने भगवान रामचंद्र के प्रति जो वह नाम लिख रहे थे और नल व नील भाव से पानी में डाल रहे थे और पत्थर 🗿तैरते रहे थे।
जब तक आप अपने गुरु के प्रति सच्चे मन से श्रद्धा से भाव से लगन से सेवा कार्य नहीं करेंगे तब तक आप सफल नहीं हो पाएंगे और जिसने यह किया है। पहले भी हमने बताया है। वह भव सागर पार कर चुका है और उसका नाम युगो युग तक अमर हो जाता है। चाहे संत तुलसीदास हो वाल्मीकि हो या सूरदास हो या मीराबाई हो जिन्होंने सेवा की भक्ति कि कमाई की उनका नाम अमर हो गया। आज भी इस दरबार में हमारे सामने बैठे हैं महंत सतगुरु अनंतपुरी गोस्वामी जी , जो निस्वार्थ भाव से अपने गुरु की सेवा की और आज भी उनकी 35वीं वर्सी बड़े ही हर्षो और उल्लास व धूमधाम के साथ मना रहे हैं।
इतना बड़ा आयोजन करना मामूली बात नहीं है। वह भी किसी से ₹1 बिना सहयोग लिए यह उनके गुरु की कृपा है उन पर जो इतना बड़ा काम भी आसानी से हो जा रहा है। इस 3 दिन के वर्सी महोत्सव में देश के अलग-अलग शहरों से लोग आए हैं। हजारों की संख्या में कोई टेंशन परेशानी नहीं है इतनी सुविधा मिली हुई है कि घर में भी नहीं मिलती ऐसे गुरु के शिष्य हैं जो उनके बताए हुए राह पर चल रहे हैं।
सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए ध्वज उठाए हैं सबको सत्य की रहा धर्म की रहा और सनातन में चलने की राह दिखाते हैं। बहुत कम संत ऐसे होते हैं जो अपने लिए नहीं भक्तों के लिए जीते हैं। और एक संत श्री अनंतपुरी गोस्वामी जी हैं, और हमें बहुत खुशी हो रही है कि हमें ऐसे संतों का सानिध्य प्राप्त हुआ और ऐसे महोत्सव में शामिल होने का हमें अवसर मिला और आप जैसे भक्तों का संग मिला यहां आए हैं तो कुछ लेकर जाएं मतलब कुछ सामान या मिठाई वगैरह कपड़े वगैरा नहीं जो संत अपनी अमृतवाणी से आपको रसपान करा रहे हैं उनके वचनों को दिल में उतार कर मन में बैठाकर उसे लेकर जाए और अमल करें,
तभी आप लोगों का यहां आना सार्थक होगा और आपका और आपके परिवार का भला होगा कार्यक्रम रात्रि 8:00 बजे आरंभ हुआ और दूसरे दिन सुबह 8:00 बजे तक चलता रहा इस पावन अवसर पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिसमें महिला समिति के द्वारा एक से बढ़कर एक कार्यक्रम पेश किया, सुंदर नृत्य के मध्यम से रामायण की प्रस्तुति दी, खाटू श्याम के जीवन को नाटक के मध्यम से प्रस्तुत किया।
सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए ऐसे शानदार संस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया, कार्यक्रम को देखकर सभी उपस्थित भक्तजन झूम उठे, संत महात्माजन भी पहुंचे हैं। जिनमें प्रमुख है स्वामी तुलसीदास जी संत नगर भोपाल से , जल कुमार मसंद जी रायपुर से देवपुरी दरबार से दादी मीरा देवी जी, महेश गोस्वामी जी जबलपुर स्वामी मनोहर लाल उदासी भाई, जमुना दास उदासी, हरिश लाल उदासी, गौरव उदासी, विजय महाराज उल्हासनगर, अनूप महाराज, विकास महाराज रायपुर से, छत्तीसगढ़ पूज्य सिंधी पंचायत के अध्यक्ष महेश दरयानी ,अमर चचलानी छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सतीश थौरानी वरिष्ठ समाजसेवी श्री चंद सुंदरानी ललित जयसिंग सेवा एक पहल से राजेश वाधवानी, समाज सेवी प्रहलाद खेमानी, युवा नेता अजीत कुकरेजा ,समाजसेवी किशोर आहूजा एवं बड़ी संख्या में समाज के लोग कार्यक्रम में शामिल हुए,
महंत सतगुरु अनंदपुरी गोस्वामी जी का स्वागत किया वह सम्मान किया कार्यक्रम के आखिर में आरती की गई। प्रसाद वितरण किया गया, आए हुए सभी भक्तजनों के लिए आम भंडारा का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने भंडारा ग्रहण किया। आज के इस कार्यक्रम का सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव प्रसारण किया गया हजारों की संख्या में घर बैठे लोगों ने आज के कार्यक्रम का आनंद लिया। इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में श्री दुर्गा माता मंदिर मढ़ी रायपुर के सभी सेवादारियों का विशेष सहयोग रहा।
✍️लेखराज मोटवानी की रिपोर्ट