रीवा हनुमान जयंती के दिन हनुमान मंदिर सहित सभी देवालयों में आंशिक मात्रा में मिले फूल ही भगवान को अर्पित किए जा सके, श्रद्धालुओं ने घर में लगे फूल जब तोड़कर मंदिरों में दिए तब कहीं भगवान का फूलों से अर्ध श्रृंगार हो सका, बताया जा रहा है कि हनुमान जयंती के दिन ही सभी फूल व्यवसायी लाम बंद होकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। जिसके चलते देवालयों में भगवान का फूलों से किया जाने वाला पूर्ण श्रृंगार नहीं हो सका, मामले के संबंध में जानकारी देते हुए फूल मंडी के व्यवसायियों ने बताया कि शुक्रवार की शाम फूल मंडी पहुंचे नगर निगम के अधिकारी कर्मचारियों ने अल्टीमेटम देते हुए फुटपाथों पर बनी अस्थाई दुकानों को हटाने की मुनादी कराई थी जिसके बाद फूल व्यवसाईयों का आक्रोश फूट पड़ा, व्यवसाईयों ने आरोप लगाते हुए बताया कि वह लगातार पिछले दो दशकों से फूल मंडी में अपनी दुकानें संचालित कर रहे हैं। जिनसे उनके घर के सदस्यों सहित कर्मचारियों की आजीविका चल रही है। उन्हें लगातार निगम प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा पक्की दुकान बना कर देने का आश्वासन दे रहा था। लेकिन आज तक उस आश्वासन पर कोई पहल नहीं की गई अब उन्हें यहां से भी हटाने का काम किया जा रहा है। और जो जगह बताई जा रही है। उसमें भी यह विश्वास नहीं दिलाया जा रहा है कि आगामी दिनों में उन्हें स्थाई रूप से वहीं दुकान बनाकर दे दी जाएगी। ऐसे में फूल व्यवसाईयों के रोजगार पर संकट आ चुका है। अगर नगर निगम प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि उनकी मांगे नहीं मानते हैं तो पूरे फूल व्यवसायइ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। वहीं मंदिर के पुजारी मनसुख दास का कहना है कि फूल न मिलने के कारण भगवान का श्रृंगार बाधित हो रहा है। निगम प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधि को फूल व्यवसाईयों की समस्या का स्थाई समाधान करना चाहिए। जिससे उनकी आजीविका पर कोई संकट ना आ सके