रीवा के रानी तालाब में ऐतिहासिक मा कालिका मंदिर में राजशाही समय से किए जाने वाला मां का खास श्रृंगार अष्टमी के अवसर पर किया गया। बता दें कि साल में केवल दो बार ही मां के इस अद्भुत श्रृंगार के बाद भक्तों को मां के दर्शन होते हैं भक्तों की मान्यता है कि मां के इस रूप के दर्शन मात्र से सारी मनोकामना पूर्ण होती हैं।
इस रूप के दर्शन मात्र से मनोकामना होती है पूर्ण
अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए मां के भक्त नवरात्रि में मा के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं खास तौर से अष्टमी, नवमी के दिन रीवा के रानी तालाब स्थित मां के मंदिर में मां का अद्भुत श्रंगार किया जाता है। रीवा और आसपास के लोगों की मान्यता है कि मां के इस रूप का दर्शन करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। जिसके चलते नवरात्रि के समय रीवा के रानी तालाब में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है। जिसको संभालने के लिए पुलिस प्रशासन के भी पसीने छूट जाते हैं। ज्यादातर भक्त अनुशासन के तहत लाइन लगाकर मां के दर्शन करते हैं। भक्तों की आस्था है कि नवरात्रि के समय रानी तालाब स्थित इस ऐतिहासिक मंदिर में सभी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। इस बारे में मंदिर के पुजारी जिनकी आठ पीढ़ियां मंदिर में पूजा पाठ करते गुजर गई उन्हीं से बात करते हैं। और आपको बताते हैं क्या है इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व।